भाजपा की राष्ट्रीय कार्यशाला में शामिल हुए भाजपा नेता प्रशांत सिंह ठाकुर

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यशाला में शामिल हुए भाजपा नेता प्रशांत सिंह ठाकुर

नई दिल्ली में 31 मई से 01 जून तक आयोजित हुआ कार्यक्रम
एकात्म मानव दर्शन की 60 वीं वर्षगांठ पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित हुआ कार्यक्रम।
जांजगीर चाम्पा से राजेश राठौर की रिपोर्ट 
जांजगीर। एकात्म मानववाद दर्शन की 60वीं वर्षगांठ पर देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है । इसी क्रम में नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्मृति दिवस कार्यक्रम के तहत आयोजित कार्यशाला में भाजपा नेता प्रशांत सिंह ठाकुर शामिल हुए।

दीनदयाल उपाध्याय जी द्वारा  दिल्लीप्रतिपादित एकात्म मानववाद के ऐतिहासिक व्याख्यानों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर राजधानी में दो दिवसीय राष्ट्रीय एकता सम्मेलन का आयोजन भव्य रूप से किया गया। 

इस महत्वपूर्ण आयोजन में राजनांदगांव लोकसभा सांसद संतोष पांडेय जी, प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी श्री प्रशांत ठाकुर , प्रदेश सोशल मीडिया संयोजक सोमेश चंद्र पांडे , श्री शशांक शर्मा ,श्रीमती हर्षिता पांडे , शशांक ताम्रकार , श्रीमती कृतिका जैन एवं श्रीमती डॉक्टर किरण बघेल ने सक्रिय सहभागिता दर्ज करवाई।

सम्मेलन में प्रथम दिन (31 मई 2025)अरुण कुमार -  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह, शिवप्रकाश – भाजपा राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री, डॉ. महेश चंद शर्मा, शंकरानंद, श्रीमती निर्मला सीतारमण – केंद्रीय वित्त मंत्री,डॉ. एमएस चेन डॉ. ,सुकांत मजूमदार, प्रफुल्ल केतकर, भूपेंद्र यादव – केंद्रीय पर्यावरण मंत्री एवं द्वितीय दिवस (1 जून 2025) नितिन गोखले,  के. अनामलाई,  जे नंदकुमार, डॉ. गुरु प्रकाश पासवान,डॉ. गजानन डांगे, शिवराज सिंह चौहान – केंद्रीय कृषि मंत्री, श्रीमती ममता यादव,  अभिनव प्रकाश जगत प्रकाश नड्डा – केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष, एस. गुरुमूर्ति –अध्यक्ष  विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

सम्मेलन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर केंद्रित गहन चर्चा की गई, जिनमें श्रम की गरिमा, जनकेंद्रित अर्थनीति, संपन्नता एवं समृद्धि, मूल्य आधारित विकास, तथा अक्षय समृद्धि जैसे महत्वपूर्ण विषयों को प्रमुखता से रखा गया।

सम्मेलन स्थल में अत्याधुनिक तकनीक से युक्त प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। सम्मेलन ने एकात्म मानववाद के सिद्धांतों को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पुनः स्थापित करने की दिशा में एक सशक्त मंच प्रदान किया।