राज्यपाल रमेन डेका ने गरियाबंद के मड़वाडीह गांव को लिया गोद

गरियाबंद से विजय साहू की रिपोर्ट
अब गोद लिए गांव मडवाडीह में होगा समावेशी मानव केन्द्रित विकास
गरियाबंद। राज्यपाल रमेन डेका ने एक नई पहल करते हुए प्रदेश के तीन गांवों को गोद लेने का संकल्प लिया है। जिसमें गरियाबंद जिले के मड़वाडीह शामिल है। इस गांव में केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न फ्लेगशिप योजनाओं के हेतु समुदाय को शामिल करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय विकास की पहल की जाएगी। इसके लिए पृथक से कोई राशि का आबंटन नहीं किया जाएगा, बल्कि विभिन्न योजनाओं में उपलब्ध राशि के समुचित उपयोग एवं निगरानी से ही यह कार्य किया जाएगा। राज्यपाल द्वारा मडवाडीह गांव को गोद लेने से सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में ‘मानव-केंद्रित‘ दृष्टिकोण के साथ गांव के समावेशी विकास के उद्देश्य पर अधिक जोर दिया जा सकेगा।
राज्यपाल रमेन डेका द्वारा जिले के मडवाडीह को गोद लिया है वहां जल संरक्षण, हरित आवरण बढ़ाना, शिक्षा ,स्वास्थ्य एवं पोषण, आजीविका, सामाजिक सुरक्षा, सतत् कृषि, विरासत एवं संस्कृति के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवर बनाने एवं नरेगा एवं जल जीवन मिशन से कार्य कराए जाने, कैम्पा, नरेगा, वृक्षारोपण अभियान के जरिए हरित आवरण बढ़ाने, प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों के शाला छोड़ने की दर को कम करने के लिए स्कूलों में अभिभावकों के साथ मीटिंग करने, पुस्तकालयों में शिक्षाप्रद एवं आकर्षक पुस्तकें रखे जाने, एनसीसी, स्कूलों का जीर्णोंद्धार आदि कार्यो पर ध्यान दिया जाएगा। ग्रामीणों के स्वास्थ्य की बेहतरी एव्ं पोषण के लिए टीबी उन्मूलन, स्वच्छता अभियान, आईसीडीएस, पर जोर रहेगा। ग्रामीणों की आजीविका बढ़ाने के लिए एनआरएलएम, स्व सहायता समूह, कौशल प्रशिक्षण, ग्रामीण उद्यमिता सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में बुजुर्गों एवं दिव्यांगों की देखभाल, नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र, मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाएगा। कृषि में सुधार के लिए जैविक खेती, पारंपरिक कृषि, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, विरासत और संस्कृति-स्थानीय और ग्रामीण पर्यटन, विरासत स्थल के संरक्षण हेेतु सामुदायिक प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा गोद लिए गए गांव की निगरानी समय-समय पर की जाएगी और विभिन्न परियोजनाओं के परिणाम के रूप में मापने योग्य संकेतकों का मूल्यांकन किया जाएगा जैसे भूजल स्तर में वृद्धि, हरित क्षेत्र में वृद्धि, प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों में शाला छोड़ने की दर आदि। कुल मिलाकर गोद लिए गए गांव संबंधित जिला प्रशासन के लिए गांव के सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय विकास हेतु एक समावेशी मानव केंद्रित दृष्टिकोण रखने के लिए मार्ग दर्शक के रूप में कार्य करेंगे।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष अगस्त में नई दिल्ली में आयोजित राज्यपालों के सम्मेलन में सभी राज्यपालों को प्रधानमंत्री फ्लेगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में प्रत्येक जिले के अधिकारियों के साथ चर्चा करने के लिए निर्देशित किया गया था। इसी निर्देश के परिपालन में राज्यपाल लगातार प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर केन्द्र की फ्लेगशिप योजनाओं के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन का फीडबैक ले रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने कुछ गांवों को आदर्श गांव की तर्ज पर विकसित करने का संकल्प लिया।