रायपुर (चैनल इंडिया)। बस्तर को रायपुर से सीधे जोडऩे वाली बहुप्रतीक्षित जगदलपुर-रावघाट-रायपुर रेल परियोजना फिर से रफ्तार पकड़ रही है। लंबे समय से अटके इस काम को लेकर बस्तर में आंदोलन जारी था। बस्तर सांसद ने भी रेल लाइन के दूसरे चरण की शुरुआत की जोरदार मांग उठाई थी, जिसके बाद रेलवे ने अब परियोजना को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
रेलवे बोर्ड ने इस परियोजना के लिए वर्ष 2025 में लगभग 3513 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। रेलवे द्वारा चयनित दो कंपनियाँ अब वन क्षेत्र और प्रस्तावित रेल मार्ग का चिन्हांकन कार्य शुरू करने जा रही हैं। वन सीमांकन का काम मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि मानसून से पहले निर्माण गतिविधियाँ प्रारंभ हो सकें।
पहले चरण में दल्ली राजहरा से रावघाट तक रेल लाइन का काम पूरा किया गया है। अब दूसरे चरण के तहत जगदलपुर से रावघाट होते हुए रायपुर तक ट्रैक बिछाने की योजना है। रेलवे की रणनीति है कि जगदलपुर - रावघाट सेक्शन में एक साथ दो से तीन स्थानों पर काम शुरू किया जाए। वहीं स्थानीय लोग इस परियोजना की शुरुआत जगदलपुर छोर से करने की मांग कर रहे हैं।
रावघाट क्षेत्र में सेल को स्वीकृत 2880 हेक्टेयर आयरन ओअर ब्लॉक, और भिलाई इस्पात संयंत्र की 10 मिलियन टन उत्पादन क्षमता वृद्धि परियोजना के लिए भी यह रेल लाइन अहम मानी जा रही है। भविष्य में लाइन के बस्तर तक विस्तार होने पर क्षेत्र से आयरन ओअर का परिवहन भी इसी मार्ग से रायपुर तक किया जा सकेगा। वर्तमान रफ्तार को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि 2030 तक जगदलपुर—रायपुर के बीच सीधी रेल कनेक्टिविटी संभव हो सकती है।