इंडिगो की अव्यवस्था से देशभर में आक्रोश कैट ने तत्काल कार्रवाई व फंसे यात्रियों को मुआवज़े की मांग की
रायपुर। देश के सबसे बड़े व्यापारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वाइस चेयरमेन एवं राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (भारत सरकार) के सदस्य अमर पारवानी, छत्तीसगढ़ इकाई के चेयरमेन जितेंद्र दोशी, विक्रम सिंहदेव, अध्यक्ष परमानंद जैन, महामंत्री सुरिन्दर सिंह, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, राम मंधान, वासु मखीजा, भरत जैन, राकेश ओचवानी, शंकर बजाज आदि ने संयुक्त रूप से बताया कि इंडिगो एयरलाइंस की भारी अव्यवस्था ने पूरे देश में तीव्र आक्रोश पैदा कर दिया है। देशभर के हज़ारों यात्रियों को हवाई अड्डों पर अपमानजनक, तनावपूर्ण और अत्यंत अव्यवस्थित परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। बड़े पैमाने पर फ्लाइट कैंसिलेशन, घंटों की देरी और यात्री प्रबंधन की पूरी तरह नाकामी से जनता में गहरा रोष और मीडिया में तीखी आलोचना देखने को मिली है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वाइस चेयरमेन एवं राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (भारत सरकार) के सदस्य अमर पारवानी ने बताया कि कैट द्वारा दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से सैकड़ों व्यापारी नेता शामिल होने वाले थे, लेकिन इंडिगो की भारी परिचालन विफलता के कारण लगभग हर व्यापारी नेता घंटों तक एयरपोर्ट पर फंसा रहा। उन्होंने कहा, “सम्मेलन आयोजित करने का पूरा उद्देश्य ही विफल हो गया।”
अमर पारवानी ने आगे कहा कि यह कोई एक-दो घटनाएँ नहीं हैं, बीते दो दिनों में हज़ारों यात्री गंभीर रूप से परेशान हुए हैं। लोगों ने पूर्ण कुप्रबंधन की शिकायत की है, स्टाफ की ओर से कोई जानकारी नहीं, कोई सहायता नहीं, बुनियादी सुविधाओं का अभाव और बिल्कुल भी जवाबदेही नहीं। बच्चों वाले परिवार, व्यापारी, वरिष्ठ नागरिक, मरीज और पेशेवर लोग घंटों फंसे रहे, जिसे लेकर उन्हें गंभीर मानसिक तनाव, शारीरिक कष्ट और महत्वपूर्ण बैठकों, फ्लाइटों व अन्य प्रतिबद्धताओं के छूट जाने से काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।
इस संकट पर कड़ा रुख अपनाते हुए कैट ने गंभीर संज्ञान लिया है और नागरिक उड्डयन मंत्री को तत्काल पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। अपने पत्र में उन्होंने निम्नलिखित मांगें की हैं :
1. इंडिगो की व्यापक विफलता की समग्र जांच।
2. भी प्रभावित यात्रियों के लिए अनिवार्य मुआवज़ा।
3. विष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने हेतु सख्त नियामक उपाय।
4. सभी एयरलाइंस में यात्री अधिकारों का कड़ा प्रवर्तन।
अमर पारवानी ने कहा कि इंडिगो का व्यवहार “यात्री अधिकारों का गंभीर उल्लंघन” है और संकट के दौरान एयरलाइन का रवैया “उदासीन, असंवेदनशील और बिल्कुल अस्वीकार्य” रहा। जनता और मीडिया की प्रतिक्रियाएँ भी इन चिंताओं को मजबूती देती हैं। यह घटना हाल के वर्षों में सबसे खराब विमानन प्रबंधन विफलताओं में से एक मानी जा रही है, और सोशल मीडिया पर फंसे यात्रियों के वीडियो और बयान बड़ी संख्या में वायरल हो रहे हैं।
अमर पारवानी ने बताया कि कैट ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से त्वरित और निर्णायक हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि जनता का भरोसा पुनः स्थापित हो, जवाबदेही तय हो, और इंडिगो की विफलता से पीड़ित हज़ारों लोगों को न्याय मिल सके।
“यह केवल एयरलाइन की समस्या नहीं — यह जनता के अधिकारों का मुद्दा है,” अमर पारवानी ने स्पष्ट किया।

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