भक्त पर संकट आने पर भगवान रक्षा करने के लिए दौड़े चले आते हैं : आचार्य चतुर्वेदी

भक्त पर संकट आने पर भगवान  रक्षा करने के लिए दौड़े चले आते हैं : आचार्य चतुर्वेदी

जांजगीर-चांपा से संवाददाता राजेश राठौर की रिपोर्ट 

खोखरा। चैत्र नवरात्रि के अवसर पर ग्राम खोखरा स्थित माँ मनका दाई मंदिर में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के चौथे दिन शुक्रवार को कथा सुनाते हुए  कथावाचक आचार्य दिनेश रोहित चतुर्वेदी ने कहा कि  यदि भक्त सच्चा हो तो विपरीत परिस्थितियां भी उसे भगवान की भक्ति से विमुख नहीं कर सकता। भयानक राक्षस प्रवृत्ति के हिरण्यकश्यप जैसे पिता को प्राप्त करने के बावजूद भी प्रहलाद ने अपनी ईश्वर भक्ति नहीं छोड़ी। आचार्य ने  महाराज भरत के तीन जन्म की कथा जिसमें भक्त अजामिल पर की गई कृपा, वृत्रासुर प्रसंग, नृसिंह भगवान अवतार, भक्त प्रहलाद की कथा और हिरण्यकश्यप वध की कथाओं के प्रसंग सुनाए। उन्होंने भक्त  प्रहलाद की कथा के वृतांत सुनाते हुए कहा कि भक्त पर संकट आने पर भगवान भक्त की रक्षा करने के लिए दौड़े चले आते हैं। भक्त के प्रति भगवान का स्नेह अपार होता है, और भक्त पर ईश्वर की कृपा सदैव बनी रहती है। जब भक्त प्रहलाद पर पिता हिरण्यकश्यप द्वारा प्रताड़ित किया गया तो आखिर में भक्त की रक्षा के लिए भगवान ने खंभे से नृसिंह भगवान का अवतार लिया और धरती पर हिरण्यकश्यप के बढ़ते पाप, अत्याचार को मिटाने के लिए हिरण्यकश्यप का वध किया। कथा के बीच बीच भजनों की प्रस्तुति पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए और भावविभोर होकर नाचने लगे। दोपहर 3 बजे से चल रही कथा में बड़ी संख्या में महिला-पुरूष कथा श्रवण करने पहुंचे थे।