फोरम की महिलाओं को दी गई वर्चुअली कानूनी जानकारी

फोरम की महिलाओं को दी गई वर्चुअली कानूनी जानकारी

घरघोड़ा से संवाददाता गौरीशंकर गुप्ता की रिपोर्ट 

घरघोड़ा। सोशल फोरम ऑन ह्यूमन राइट्स की राष्ट्रीय अध्यक्ष खेमसिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य व राष्ट्रीय महासचिव वाहीद सिद्दीकी के गरिमामय उपस्थिति में गत शुक्रवार को फोरम से जुड़ी महिलाओं के संबंध में भारतीय संविधान में प्रचलित मौजूदा कानूनों की जानकारी देकर उन्हें अपने अधिकारों को समझने व निर्भीक होने की वर्चुअली वेबीनार संपन्न हुई। इसमें एनसीआर दिल्ली, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उड़िसा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान से अनेकों महिलाओं और फोरम के आला पदाधिकारियों की उपस्थिति रही। कोरबा छत्तीसगढ़ लाॅ काॅलेज के प्राचार्य हरिकृष्ण पासवान फोरम के राष्ट्रीय ज्वांइट जनरल सेक्रेटरी ने महिलाओं के कानूनी अधिकारों के संदर्भ में संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों में प्रमुख रूप से घरेलू हिंसा अधिनियम, मातृत्व अवकाश अधिनियम,टोनही प्रताड़ना अधिनियम,विदेश विवाह अधिनियम, दहेज प्रताड़ना अधिनियम,लेबर लॉ के प्रावधान,इंडीसेंट प्रोहिबिशन तथा कार्यस्थल पर महिला उत्पीडन रोकने संबंधी अधिनियमों का विस्तार से जानकारी देते हुए अवगत कराया वैदिक काल और प्री वैदिक काल में पहले महिलाओं की पूजा होती थी आज यह स्थिति बद से बद्तर हो गई है, सावित्री बाई फुले के कालखंड से महिलाओं की शिक्षा से जागृति मिलती चली गई यह कहना लाॅ काॅलेज के प्राचार्य एच के पासवान का है,फोरम की महिला संगठन की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्यवाणी ने भारत की महिलाओं की मौजूदा हालात का वास्तविक घटनाचक्र का अनेकों उदाहरणों के साथ प्रस्तुतिकरण कर उपस्थित वेबीनार में सभी को चौंका दिया उनके मार्मिक वक्तव्यों और अनछुये पहलुओं को प्याज के छिलकों की तरह परत दर परत उधेड़ने से माहौल मार्मिक हो चला था,वेबीनार में उपस्थित फोरम के आला पदाधिकारियों ने सत्यवाणी के बेबाक बयान की सभी ने सराहना की वेबीनार को डाॅ देव शर्मा ने महिलाओं की मौजूदा हालात पर भावनात्मक अभिव्यक्ति व्यक्त की, डॉ हिमांशी सोम ने भी अपने विचार रखे उक्त अवसर पर ज्योत्सना शेखर सेलखे, अमित पाण्डेय,आर एस तोमर,गिरिश सारस्वत,शोभा शंकरलाल,वाहिद सिद्दीकी,बी आर शेगांवकर,रमेश कुमार मिश्रा,एस के रानू, बुधराम अग्रवाल, जितेन्द्र केशरी, गनपत चौहान सहित अनेकों पदाधिकारियों की उपस्थिति रही आभार व्यक्त डॉ हिमांशी सोम ने किया!