एनएच एमएमआई के डॉक्टर ने हासिल किया महत्वपूर्ण न्यूरोसर्जिकल माइलस्ट्रोन, डेढ़ साल में की 100 सफल ब्रेन और स्पाइन ट्यूमर सर्जरी
रायपुर। एमएमआई नारायणा अस्पताल रायपुर ने उन्नत न्यूरोसर्जिकल देखभाल में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वरिष्ठ कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन डॉ. घनश्याम ससापरधी ने पिछले डेढ़ साल में 100 सफल ब्रेन और स्पाइन ट्यूमर सर्जरी पूरी की हैं। यह उपलब्धि मध्य भारत में अत्याधुनिक न्यूरोसर्जिकल उपचार तक बढ़ती पहुंच को दर्शाती है और मरीजों को उच्चस्तरीय उपचार के लिए मेट्रो शहरों की यात्रा करने की आवश्यकता को कम करती है।
इन सर्जरी में कई अत्यंत जटिल प्रक्रियाएं शामिल थीं- जैसे स्पीच और मोटर क्षेत्रों के पास ट्यूमर के लिए अवेक क्रैनियोटॉमी, एंडोस्कोपिक ब्रेन ट्यूमर एक्सिशन, उन्नत स्कूल-बेस सर्जरी, और जटिल स्पाइन ट्यूमर रिमूवल। प्रत्येक सर्जरी में अत्यधिक सटीक योजना और महत्वपूर्ण न्यूरोलॉजिकल कार्यों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया।
अस्पताल में मिले उत्कृष्ट परिणाम अत्याधुनिक तकनीक के उपयोग से संभव हो पाए हैं, जिनमें शामिल हैं-न्यूरोनेविगेशन, इंट्रा-ऑपरेटिव अल्ट्रासाउंड, न्यूरोमॉनिटरिंग, हाई डेफिनिशन एंडोस्कोपी, ब्रेन मैपिंग, एमआरआई ट्रैक्टोग्राफी, नवीनतम एमआरआई रआई और सीटी इमेजिंग सिस्ट्म, CUSA और आधुनिक माइक्रोस्कोप। ये तकनीकें सर्जरी के दौरान महत्वपूर्ण संरचनाओं को वास्तविक समय में देखने में में मदद करती हैं, जिससे सुरक्षित सर्जिकल मार्ग बनते हैं और पोस्ट्-ऑपरेटिव जटिलताएँ कम होती हैं।
उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ. घनश्याम ससापरधी ने कहा, "इस अवधि में 100 जटिल ट्यूमर सर्जरी सफलतापूर्वक पूरा करना सुरक्षा और सटीकता पर हमारी साझा प्रतिबद्धता के कारण संभव हो पाया है। रियल-टाइम इमेजिंग और सर्जरी के दौरान महत्वपूर्ण कार्यों की निगरानी करने वाली तकनीकें बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने में बहुत मदद करती हैं। हमारी न्यूरोलॉजी, एनेस्थीसिया, ओटी और आईसीयू टीम हर कदम पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।"
एनएच एमएमआई रायपुर की न्यूरोसर्जिकल टीम ट्यूमर उपचार के अलावा ब्रेन एन्यूरिज़्म, एवीएम, स्ट्रोक सर्जरी, एपिलेप्सी सर्जरी और मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी जैसी कई गंभीर स्थितियों को भी विशेषज्ञता के साथ संभालती है, जिससे अस्पताल की व्यापक न्यूरोलॉजी सेवाएँ और मजबूत होती हैं।
सहायक विभाग भी इस देखभाल की महत्वपूर्ण नींव हैं। इनमें क्लिनिकल लीड न्यूरोलॉजी डॉ. एच. पी. सिन्हा, न्यूरोलॉजी के डॉ. प्रशांत कुमार, एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ. राकेश चंद, और क्रिटिकल केयर विभाग के एचओडी डॉ. प्रदीप शर्मा शामिल हैं। ये सभी विशेषज्ञ जटिल जरूरतों वाले मरीजों के लिए बहु-विषयक सहयोग सुनिश्चित करते हैं।
डॉक्टर बताते हैं कि कई मरीज लगातार सिरदर्द, अचानक दृष्टि समस्याएँ, असंतुलन, दौरे, या अंगों में सुन्नता जैसे लक्षणों के साथ आते हैं- जिन्हें अक्सर सामान्य स्वास्थ्य समस्याएँ समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। उनका कहना है कि समय पर जांच कराने से उपचार विकल्प और रिकवरी दोनों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर अजीत बेल्लमकोंडा ने कहा, "बढ़ते मामलों से यह स्पष्ट है कि जनजागरूकता बहुत महत्वपूर्ण है। जब लोग शुरुआती लक्षणों को पहचानते हैं और समय पर जांच कराते हैं, तो उपचार अधिक सुरक्षित और रिकवरी बेहतर होती है। हमारा लक्ष्य है कि मध्य भारत के लोग अपने घर के पास ही विश्वसनीय और उन्नत चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त कर सकें।"
यह उपलब्धि एनएच एमएमआई रायपुर की बढ़ती प्रतिष्ठा को न्यूरोसर्जिकल उत्कृष्टता केंद्र के रूप में और मजबूत करती है। सुरक्षा, आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ सहयोग पर केंद्रित यह अस्पताल जटिल न्यूरोलॉजिकल स्थितियों से जूझ रहे मरीजों के लिए लगातार बेहतर परिणाम प्रदान कर रहा है।

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