शिवाजी पार्क सड्डू में 21 दिसंबर को होगा हिंदू सम्मेलन का भव्य आयोजन
रायपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में हिंदू सम्मेलन का आयोजन 21 दिसंबर किया जाएगा। सम्मेलन सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक मेन रोड शिवाजी पार्क सड्डू में होगा। आयोजन में रायपुर महानगर के मोवा नगर की सड्डू बस्ती से बड़ी संख्या में सर्व समाज के लोग शामिल होंगे। इसके बाद मोवा बस्ती के सुंदरी पारा बस्ती में भी सम्मेलन का आयोजन होगा। देशभर की बस्तियों में सम्मेलन आयोजित किया जा रहे है। कार्यक्रम का उद्देश्य सर्व हिंदू समाज को संगठित करना है। साथ ही छुआछूत, ऊंच नीच के भेदभाव को समाप्त कर करना है। इसके साथ ही घर-घर संपर्क कार्यक्रम अभियान जारी है।
सड्डू बस्ती श्रीराम प्रभात शाखा के मुख्य शिक्षक अशोक साहू ने बताया कि संघ के स्वयंसेवक नियमित रूप से समाज परिवर्तन और समस्याओं का समाधान करने के लिए सतत् सक्रिय रहते हैं। शताब्दी वर्ष को निमित्त मानकर पांच विषयों पर सज्जन शक्ति के सहयोग से जन जागरण के लिए विशेष प्रयत्न किया जा रहा है। इसे पंच परिवर्तन कहा गया है पांच परिवर्तन के विषयों में सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण,कुटुंब प्रबोधन, स्व आधारित जीवन और नागरिक कर्तव्य बोध शामिल है।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से हमारे समाज के कुछ वर्गों को अस्पृश्यता का दंश झेलना पड़ रहा है। आज भी शिक्षा, सुविधाओं सम्मान से वंचित हैं। यह सरासर अन्याय पूर्ण अमानवीय है। इस अन्याय को दूर कर सबको साथ लेकर आगे बढ़ने का प्रयास सामाजिक समरसता के माध्यम से आरंभ हुआ है।
इसी तरह सृष्टि हमारे, सभी प्राणियों की मां है। परंतु भौतिकवादी जीवन के बढ़ते प्रभाव के कारण प्रकृति का शोषण भी होता रहा है। बिगड़े पर्यावरण संतुलन को फिर से ठीक करने के प्रयास में जन सहभागिता बढ़कर पर्यावरण के बारे में जागृति और सक्रियता लाने की आवश्यकता है। अपने जीवन में न्यूनतम तीन बातें तो हम सभी कर सकते हैं। पानी बचाना, सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करना और हरियाली के लिए पेड़ लगाना।

ऐसे ही भारतीय संस्कृति की परंपरा में कुटुंब का विशेष महत्व है। भारतीय आध्यात्मिक दृष्टि से यह कुटुंब यानी मैं से हम की यात्रा का पहला चरण है। इसमें कम से कम परिवार में सब लोगों का सप्ताह में एक बार साथ बैठना। निश्चित समय पर घर पर रहना। श्रद्धा अनुसार भजन करना। घर में बनाया हुआ भोजन करना। उसके बाद तीन-चार घंटा गपशप करना। हम कौन हैं,हमारे पूर्वज कौन थे, हमारी कुल रीति क्या थी, हमारे घर की रीति क्या है। आज के समय में क्या आवश्यक है इसके आधार पर अपने घर में सबमें सहमति बनाकर उनकी बातों को लागू करना।
स्व आधारित जीवन के तहत किसी भी देश के विकास के लिए उस देश के जो संसाधन है, उसके आधार पर विकास के मार्गों को प्रशस्त करना चाहिए। स्वाधारित जीवन का तात्पर्य यह है कि आर्थिक और सांस्कृतिक सभी आयामों में हमें स्वयं के पैरों पर खड़ा होना है। स्वदेशी जीवन जीने की शैली प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक परिवार के स्तर पर अपनानी होगी। तभी भारत आत्मनिर्भर बनेगा। अपनी मातृभाषा,स्वभूषा, संस्कृति और परंपरा स्वाभिमान रखकर उनको व्यवहार लाना चाहिए।
नागरिक कर्तव्यबोध में संविधान, नियम,कानून, अनुशासन का पालन करके चलना। कोई भड़काऊ बात हो गई तो कानून हाथ में नहीं लेना। गैर कानूनी आचरण नहीं करना। आज देश के लिए 24 घंटा जीने की आवश्यकता है। छोटी-छोटी बातों में भी समाज का,देश का ध्यान रखना। स्वयं से शुरू होगा, मेरे घर से शुरू होगा तो समाज में आएगा,समाज मे आएगा तो भारत में आएगा,तभी भारत सशक्त राष्ट्र बनेगा।

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