बारिश के समय जलजनित रोगों के रोकथाम के लिए डॉ. वर्णिका शर्मा ने की अनुशंसा

बारिश के समय जलजनित रोगों के रोकथाम के लिए  डॉ. वर्णिका शर्मा ने की अनुशंसा

रायपुर। डॉ. वर्णिका शर्मा अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शासन को यह अनुंशसा की है कि सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य के सभी क्षेत्रों में माह जुलाई से सितम्बर तक बारिश का मौसम रहता है एवं इस अवधि में जलजनित रोगों की संभावनाएं बढ़ जाती हैं । प्रदेश में प्रसारित समाचार पत्रों एवं वेब पोर्टल्स के माध्यम से दूषित पानी से डायरिया, उल्टी-दस्त की शिकायत की गंभीर घटनाएं प्रकाश में आई हैं । राज्य सरकार ने बारिश के समय जल जनित रोगों की रोकथाम के लिए निर्देश प्रसारित किए हैं परंतु इन निर्देशों का मैदानी स्तर पर पालन भलीभाँति होना आवश्यक है । अतः जल जनित रोगों की रोकथाम तथा उपचार दोनों की व्यवस्था जैसे - 

1. गंदे पानी से बचाव तथा डायरिया होने पर ओ.आर.एस. आदि की पर्याप्त उपलब्धता आदि मैदानी स्तर तक सुनिश्चित की जाये । 
2. जलजनित रोगों की रोकथाम में सुरक्षित पेयजल का उपयोग, स्वच्छता तथा पानी को कीटाणु रहित करने एवं डेन्गू या अन्य बीमारी न फैले, इस हेतु आवश्यक सुरक्षा उपाय बरते जायें । 
3. जलजनित संक्रामक रोगों के संभावित प्रकोप की पूर्व तैयारी एवं राहत व्यवस्था हेतु विकासखण्ड स्तर पर रैपिड रिस्पासं टीम बनाई जाये अथवा उसे सक्रिय किया जावे । 
4. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से आवश्यक समन्वय स्थापित कर जल स्त्रोंतो/हैण्डपंपों की अद्यतन स्थिति का जायजा लिया जाकर आवश्यक कार्यवाही ससमय सुनिश्चित की जावे । 
5. जिले में जलजनित बीमारियों की अधिक आशंका वाले क्षेत्रों (High Risk Prone Zone) की पहचान कर स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा जन चैपाल लगाकर लोगों को मौसमी बीमारी - डायरिया, मलेरिया, सर्दी-बुखार, उल्टी-दस्त, ओ.आर.एस.घोल तैयार व उपयोग करने का डेमो दिखाते हुए उपयुक्त स्वास्थ्य शिक्षा ससमय दी जावे । ओ.आर.एस.घोल के साथ ही साथ निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) की समस्या से बचने हेतु मैदानी स्तर पर मितानिनों के पास पर्याप्त मात्रा में जिंक की टेबलेट भी उपलब्ध कराई जावे । 

उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन, संचालनालय, सभी जिला कलेक्टर एवं सभी जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को अनुंशसा पत्र लिखकर यह संवेदनशील मांग रखी है।