संस्कृतभारती मध्यक्षेत्रम् क्षेत्रप्रशिक्षणवर्गः – रायपुर में संस्कृत संवर्धन हेतु विशेष आयोजन

संस्कृतभारती मध्यक्षेत्रम् क्षेत्रप्रशिक्षणवर्गः – रायपुर में संस्कृत संवर्धन हेतु विशेष आयोजन

रायपुर में संस्कृत प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ
संस्कृत संवर्धन हेतु विशेष आयोजन
विधायक पुरंदर मिश्रा ने दी संस्कृत प्रचार को प्रेरणा
रायपुर। संस्कृतभारती मध्यक्षेत्र द्वारा 18 मई से 31 मई 2025 तक कृष्णा पब्लिक स्कूल, सरोना (रायपुर) में आयोजित क्षेत्रप्रशिक्षणवर्ग ने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार को एक नई दिशा प्रदान की है। यह प्रशिक्षण वर्ग संस्कृत संवर्धन के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। वर्ग का शुभारंभ छत्तीसगढ़ के उत्तर विधायक माननीय श्री पुरंदर मिश्रा द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

कार्यक्रम में पारंपरिक रीति से अतिथियों का स्वागत गमछा और नारियल भेंट कर किया गया। इस अवसर पर भरत बैरागी जी, देवकर असंगदास जी सहित क्षेत्र के कई विशिष्टजन एवं संस्कृतप्रेमी उपस्थित रहे। प्रशिक्षण वर्ग में संस्कृत भाषा, साहित्य, बोलचाल, एवं भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित विविध सत्रों का आयोजन किया गया।

मुख्य अतिथि विधायक पुरंदर मिश्रा ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि – "वर्ष 2047 तक जब देश विकसित भारत के रूप में उभर रहा होगा, तब हमें केवल आर्थिक या तकनीकी विकास ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और भाषा विरासत को भी पुनर्जीवित करना होगा। संस्कृत, हमारी संस्कृति की आत्मा है। विदेशी शासकों ने इसे दबाने का प्रयास किया, लेकिन अब समय आ गया है कि हम इसे पुनः जीवन्त करें।"

उन्होंने युवाओं को नशे की प्रवृत्तियों और मोबाइल के अत्यधिक दुरुपयोग से बचने की सलाह दी। मिश्रा जी ने कहा कि समय की सही दिशा में उपयोग और आत्मानुशासन ही किसी भी राष्ट्र निर्माण की नींव होती है। उनका वक्तव्य न केवल प्रेरणास्पद था, बल्कि सामाजिक चेतना का संदेश भी देता है।

पुरंदर मिश्रा – एक जनप्रतिनिधि जो संस्कृति के प्रहरी भी हैं
पुरंदर मिश्रा न केवल एक कुशल राजनीतिज्ञ हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा के सजग संवाहक भी हैं। उन्होंने कई बार अपने वक्तव्यों और कार्यों के माध्यम से यह प्रमाणित किया है कि सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ना ही सतत विकास का मूल है। संस्कृत जैसी प्राचीन भाषा के संवर्धन में उनकी सक्रिय भूमिका, उनके दृष्टिकोण की गंभीरता को दर्शाती है।

संस्कृतभारती इस अवसर पर मिश्रा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करती है और आशा करती है कि ऐसे आयोजनों को राज्य शासन का निरंतर सहयोग मिलता रहेगा।