संसद में सांसद बृजमोहन अग्रवाल की मजबूत आवाज़, नॉन-अटेनमेंट सिटीज़ में स्वच्छ हवा और जनस्वास्थ्य को बनाया राष्ट्रीय मुद्दा

संसद में सांसद बृजमोहन अग्रवाल की मजबूत आवाज़, नॉन-अटेनमेंट सिटीज़ में स्वच्छ हवा और जनस्वास्थ्य को बनाया राष्ट्रीय मुद्दा

नई दिल्ली/रायपुर। पर्यावरण संरक्षण, जनस्वास्थ्य और सतत विकास के मुद्दों पर संसद में सारगर्भित एवं दूरदर्शी हस्तक्षेप करते हुए सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने देश के गंभीर रूप से प्रदूषित क्षेत्रों, विशेषकर नॉन-अटेनमेंट सिटीज़ (NAC) का महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि उच्च प्रदूषण से सर्वाधिक प्रभावित बच्चों, बुजुर्गों, श्रमिकों और कमजोर वर्गों के लिए विशेष सुरक्षा उपाय किए जाना समय की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण जैसी जटिल समस्या का समाधान केवल “वन-साइज़-फिट्स-ऑल” नीति से संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए स्थान-विशिष्ट, विज्ञान-आधारित और डेटा-संचालित रणनीति की आवश्यकता है।

उन्होंने सीएसआईआर-नीरी जैसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा विकसित मॉडलों को नियामक तंत्र में प्रभावी रूप से एकीकृत करने, स्रोत निर्धारण (SA) अध्ययनों के आधार पर शहर कार्य योजनाओं को लागू करने तथा सड़क धूल जैसे प्रत्यक्ष प्रदूषण स्रोतों पर ठोस हस्तक्षेप की आवश्यकता बताई।

विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के भिलाई, कोरबा और रायपुर जैसे नॉन-अटेनमेंट शहरों का उल्लेख कर सांसद अग्रवाल ने यह सुनिश्चित किया कि राज्य के औद्योगिक एवं शहरी क्षेत्रों में रहने वाली जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र बने।

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के अंतर्गत शहर-विशिष्ट कार्य योजनाएँ, वैज्ञानिक अध्ययन, रियल-टाइम निगरानी और सड़क धूल नियंत्रण जैसे उपायों के माध्यम से देशभर में सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इसका उद्देश्य 122 अवमानक और 8 अन्य मिलियन प्लस जनसंख्या वाले शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार करना है, जिसमें छत्तीसगढ़ के कोरबा, भिलाई और रायपुर भी शामिल हैं।

130 शहरों में से 103 में पीएम10 सांद्रता में कमी, 64 में 20% से अधिक तथा 25 में 40% से अधिक की उल्लेखनीय गिरावट—यह केंद्र सरकार की विज्ञान-संचालित, स्थान-विशिष्ट रणनीति का स्पष्ट प्रमाण है। कुल 22 शहर एनएएक्यूएस मानकों को प्राप्त कर चुके हैं, जहां पीएम10 का स्तर 60 माइक्रोग्राम/मीटर से कम है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, “स्वच्छ हवा केवल पर्यावरण का नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य और भावी पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य का प्रश्न है। संसद के माध्यम से यह सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है कि नीतियाँ ज़मीन पर प्रभावी रूप से लागू हों और हर नागरिक को स्वच्छ पर्यावरण मिले।”

उनकी यह पहल न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के लिए स्वच्छ वायु, स्वस्थ जीवन और वैज्ञानिक नीति निर्माण की दिशा में एक मजबूत संदेश है।