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राहत राशि को भटक रहे मेंड्रा गांव के ग्रामीण, निस्वार्थ मदद कर रहे शिवशंकर मरकाम


चिरमिरी। एक तो गरीबी दूसरा तकदीर की मार और उस पर भी दर दर भटकने को मजबूर ग्रामीणों की व्यथा देखकर पत्थर दिल कलेजा भी कांप जाए। आकाशीय बिजली गिरने से भोडू पानी जंगल में दिनांक 21/9/2020 को राय सिंह आत्मज नाहर सिंह गोड़ की मौत हो गई थी। वहीं एक अन्य घटना में दिनांक 6/7/2020 को 7 वर्ष की बच्ची की मौत सांप के काटने से हो गई थी। दोनों ही घटना में शासन की तरफ से राहत राशि का प्रावधान है।5 महीनों का समय बीत जाने पर भी इन घटनाओं में मृतक के परिजन अधीन सिंह एवं देवनारायण अब तक शासन के इस दरवाजे से उस दरवाजे तक भटक रहे हैं। इतना ही नहीं अब तक इन गरीबों को जांच प्रतिवेदन तक नहीं मिल पायी है। ऐसे में भविष्य में मिलने वाली राहत राशि जो कि इन गरीबों को अब तक नहीं मिल पायी है क्या राहत दे पाएगी यह सोचनीय है।
मृतकों के परिजन ने मीडिया टीम के सामने रो रो कर अपनी व्यथा सुनाई। साथ ही उन्होंने अपनी बात मीडिया के माध्यम से प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास करते हुए बताया कि किस तरह उन्हें इस राहत राशि के लिए आफिस आफिस का खेल खेलने को मजबूर किया जा रहा है। दोनों ही प्रकरणों में अब तक जांच प्रतिवेदन ना मिल पाने से ये गरीब रोज थाने का चक्कर काट काट कर परेशान हो चुके हैं। दो वक्त की रोटी के लिए रोज कमाने वाले ये गरीब लाचार नजरों से शासन की ओर देख रहे।
जब इन दोनों गरीबों की व्यथा मेंड्रा गांव की सरपंच महोदया श्रीमती दशोदिया मरकाम तक पहुंची तो उन्होंने अपने परिवार के सदस्य शिवशंकर मरकाम को इनकी हर संभव मदद करने को कहा। तबसे शिवशंकर मरकाम जी निस्वार्थ भाव से इन गरीबों की मदद कर रहे हैं। एवं इनके भले के लिए हरसंभव मदद कर रहे हैं। काश शिवशंकर मरकाम जैसे व्यक्ति हर ग्राम पंचायत में होते जो गरीब लोगों की निस्वार्थ भाव से मदद करते।
