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जनजाति आयोग ने की आदिवासियों के विकास के लिए संचालित योजनाओं की समीक्षा


बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष राजकुमारी दीवान एवं सदस्य श्री नितिन पोटाई ने आज यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए संचालित विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आदिवासियों को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित हैं। इनका पात्र हितग्राहियों को लाभ दिलाकर उनका जीवन-स्तर उठाया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि आमतौर पर आदिवासी ग्रामीण और गरीब परिवार से होते हैं।
स्वभाववश बोलने में संकोच करते हैं। जानकारी के अभाव में उन्हें भटकना पड़ता है। इसलिए सरकारी योजनाओं का फायदा दिलाने के लिए उन्हें विशेष मार्गदर्शन की जरूरत है। अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझकर उन्हें नियमानुसार फायदा दिलाएं। आयोग के सचिव श्री एच.एस.उइके, जिला पंचायत के सीईओ डाॅ. फरिहा आलम सिद्धिकी सहित विभागीय जिला अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
आयोग ने बैठक में आदिवासियों के जीवन से जुड़ी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने बलौदाबाजार के कुकुरदी में निवास कर रहे आदिवासी सवरा डेरा के बाशिंदों का बेहतर विस्थापन सुनिश्चत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा सवरा डेरा में मूलभूत सुविधाएं तत्काल मुहैया कराये जाने चाहिए। लगभग आठ साल पूर्व उन्हें इंदिरा कालोनी बलौदाबाजार से निकालकर कुकुरदी में बसाया गया है। सदस्य पोटाई ने कहा कि बलौदाबाजार जिले में आधा दर्जन से ज्यादा सीमेन्ट उद्योग हैं। स्थानीय लोगों को रोजगार देने में उपेक्षा की बात सामने आई हैं।
उन्होंने उद्योग विभाग से इसकी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के स्थानीय लोगों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। आयोग भी इसके लिए समुचित कार्रवाई करेगा। आयोग ने सीमेन्ट उद्योगों द्वारा अधिग्रहित किये गये भूमि का परीक्षण करने के निर्देश भी दिये। आयोग ने बैठक में बताया कि अधिकांश अनुसूचित जनजाति के लोग भूमिहीन हैं। जिसके कारण उन्हें मकान बनाने के लिए असुविधा हो रही है। इसलिए वे जहां पर काबिज हैं, उनका पट्टा दिया जाना चाहिए। उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं में कितने प्रतिशत आदिवासी समाज के लोग लाभान्वित हुए हैं, इनकी पृथक से जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। बैठक की कार्रवाई का संचालन आयोग के सचिव एच.एस.उइके और आभार ज्ञापन सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री बी.के.राजपूत ने किया।
