सीएम ने योगा से की चिंतन शिविर के दूसरे दिन की शुरुआत

सीएम ने योगा से की चिंतन शिविर के दूसरे दिन की शुरुआत
रायपुर: (चैनल इंडिया)। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) नवा रायपुर के स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स में मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ योगासन कर चिंतन शिविर के दूसरे दिन की शुरुआत की। उन्होंने योग को स्वस्थ जीवनशैली का आधार बताते हुए कहा कि योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को भी शांत करता है और हमें प्रकृति के अधिक समीप लाता है। यह योगाभ्यास न केवल एक प्रेरणादायक पहल थी, बल्कि प्रदेश में स्वास्थ्य एवं संतुलित जीवनशैली को प्रोत्साहित करने का भी सशक्त संदेश था। मुख्यमंत्री के साथ इस योग सत्र में उपमुख्यमंत्री अरुण साव, मंत्री लखनलाल देवांगन, रामविचार नेताम, दयालदास बघेल, श्याम बिहारी जायसवाल, टंकराम वर्मा और भारतीय प्रबंधन संस्थान रायपुर के निदेशक प्रो. रामकुमार काकानी भी शामिल हुए।

चिंतन शिविर नीति-निर्माण का सशक्त मंच: सीएम
मंत्रियों ने सीखी सुशासन और नेतृत्व की बारीकियां
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि चिंतन शिविर जैसे प्रशिक्षण सत्र शासन को नया दृष्टिकोण और नीतिनिर्माण प्रक्रिया को सशक्त बनाने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से मंत्रियों को सुशासन और परिवर्तनकारी नेतृत्व के महत्वपूर्ण गुर सीखने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर जैसे आयोजन शासन को नई दिशा और ऊर्जा देते हैं। उन्होंने दोनों विशेषज्ञ वक्ताओं के विचारों को अत्यंत प्रेरणादायक और नीति-निर्माण के लिए उपयोगी बताया।

आईआईएम रायपुर में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर के प्रथम सत्र में मुख्यमंत्री और राज्य के सभी मंत्री शामिल हुए। इस सत्र में ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व’, ‘दूरदर्शी शासन’, ‘संस्कृति’, ‘सुशासन’ और ‘राष्ट्र निर्माण’ जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई।  इस मौके पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने ‘संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण’ विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि भारत की एकता केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भी है। राष्ट्र निर्माण केवल नीतियों या संसाधनों से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और नैतिक मूल्यों से संभव है। उन्होंने अंत्योदय के महत्व पर बल देते हुए समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण को सुशासन की प्राथमिकता बताया।