जांजगीर-चांपा
पुरैना तलाव को फोड़कर जल स्तर के साथ किया जा रहा है खिलवाड़, नगर पालिका क्षेत्र के घटते जलस्तर को देखते हुए यह कैसा जनसहयोग


सक्ती(चैनल इंडिया)| नगर के पुरैना तालाब को सफाई के नाम से पूरी तरह से खाली करने तालाब पार के साथ-साथ रोड को खोद पानी निकाला जा रहा है। भरी गर्मी में तालाब को खाली करने से कहीं ना कहीं आसपास के क्षेत्र में जल स्तर कम होगा, लेकिन इसकी परवाह ना करते हुए जनसहयोग के नाम पर तालाब पार को खोद दिया गया है।
इस संबंध में नगर पालिका के सीएमओ जफर खान ने बताया कि लोगों द्वारा आवेदन दिया गया था कि उक्त तालाब से निस्तारी की जा रही थी लेकिन पानी बहुत ज्यादा खराब हो गया है, साथ ही लोगों द्वारा उक्त तालाब का उपयोग करने से कई तरह की स्किन बीमारी हो रही थी। वही श्री खान ने बताया कि गत वर्ष इस बाबत परिषद में भी स्वीकृति ली गई थी।
यहां बताना लाज़मी होगा कि अगर गत वर्ष परिषद ने स्वीकृति दी थी तो एक साल बाद फिर अचानक कुम्भकर्णीय नींद से जाग तालाब के पार को वह भी ऐसे समय जब लोग अपने घरों में रह कर लॉक डाउन का पालन कर रहे तभी इस कार्य को क्यों कराया जा रहा है। साथ ही जनसहयोग की बात की जा रही है लेकिन वार्ड के कुछ लोगों से इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना है कि हमें ना तो पता है और नाही कोई सहयोग की बात है, नगर पालिका द्वारा जेसीबी आया और खोद कर चला गया। ऐसे में पालिका अधिकारी का कहना कि यह जनसहयोग से हो रहा है यह मिथ्या साबित हो रही है। साथ ही उक्त तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर शासन स्तर से 55 लाख राशि आ चुकी है लेकिन उसके बाद भी अब तक किसी भी तरह से कोई कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया था लेकिन अचानक संक्रमण काल मे इस तरह से कार्य कराना कई सवालों को जन्म देता है। साथ ही तालाब से सारा पानी निकाला जा रहा है जिससे तय है कि इसका सीधा प्रभाव जल स्तर पर पड़ेगा। वहीं उक्त कार्य के लिए किसी भी तरह से उच्चाधिकारियों से कोई दिशा निर्देश नहीं लिया जाना भी अपने आप मे एक बहुत बड़ी बात है। कोई भी कहीं भी जनसहयोग और जनमानस की बात कर कुछ भी करने लगेगा। कुछ लोगों का कहना है कि इस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए और संबंधितों के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए। ताकि आगे से कोई भी इस तरह से जनसहयोग का हवाला देकर बिना राजस्व एवं नजूल अनुमति के कोई कार्य ना कर सके।
