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गरियाबंद: लाॅकडाउन के दौरान विविध गतिविधियों में शिथिलीकरण


प्रतीक बेहेरा की रिपोर्ट
गरियाबंद (चैनल इंडिया ) | कलेक्टर एवं जिला दण्ड़ाधिकारी श्री श्याम धावड़े द्वारा भारत सरकार गृह विभाग के निर्देशानुसार लाॅकडाउन अवधि को गरियाबंद जिले में 03 मई 2020 तक बढ़ाई गई है। राज्य शासन द्वारा नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण नियंत्रण हेतु घोषित चिन्हित जिले/हाॅटस्पाॅट के भीतर कंटेन्मेट जोन को छोड़कर शेष क्षेत्रों में अतिरिक्त गतिविधियों की अनुमति बाबत् आदेश पारित किया गया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी द्वारा पूर्व में जारी आदेश के अनुक्रम में आदेश जारी कर जनहित से जुड़े कुछ सेवाओं/गतिविधियों को शर्तो के अधीन लाॅकडाउन अवधि में शिथिल की गई है।

राजमार्गों पर ट्रकों के मरम्मत हेतु दुकानें जो यथा संभव पेट्रोल पम्पों या उसके आस-पास स्थित हो, के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्गों एवं राज्य राजमार्गों में ग्रामीण क्षेत्र में अर्थात् नगरीय निकाय सीमा क्षेत्र के बाहर टायर मरम्मत की दुकानें खुली रहेगी। सभी कृषि एवं उद्यानिकी गतिविधियां संचालित रहेंगी, जिसमें किसानों द्वारा कृषि गतिविधियां तथा कृषि मजदूरों द्वारा खेत में कृषि कार्य, न्यूनतम उपार्जन मूल्य पर उपार्जन में सम्मिलित एजेंसियों सहित कृषि उपादों के उपार्जन में शामिल एजेंसियां, मंडी बोर्ड द्वारा संचालित अथवा राज्य शासन द्वारा अधिसूचित मंडीयां एवं उपमंडियां, किसानों या किसानों के समूह (एफपीओ) से निजी क्षेत्र द्वारा सीधे कृषि उत्पाद क्रय प्रक्रिया, ग्राम स्तर से विकेन्द्रीकृत क्रय-विक्रय। कृषि मशीनरी विकय, इससे संबंधी स्पेयर पार्ट एवं मरम्मत की दुकानें (सप्लाई चेन) खुली रहेंगी। कृषि मशीनरी से संबंधित कस्टम हायरिंग सेन्टर, खाद/उर्वरक, कीटनाशक एवं बीज विनिर्माण, वितरण एवं विक्रय, फसल बोआई एवं कटाई के संबंध में कम्बाईन्ड हार्वेस्टर तथा अन्य कृषि/हार्टिकल्चर मशीनरी उपकरणों का राज्य के भीतर एवं अंतर्राज्यीय परिवहन, वनक्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य वनवासियों द्वारा लघुवनोपज/गैर-काष्ठ वन उत्पाद का संग्रहण, हार्वेस्टिंग तथा प्रसंस्करण। मछली पालन संबंधी समस्त गतिविधियां/एक्वाकल्चर उद्योग (जल कृषि), पूरक आहार प्रदाय एवं मरम्मत, मत्स्य उत्पादन, प्रसंस्करण, कोल्डचेन, विक्रय एवं मार्केटिंग, हैचरी, पूरक आहार उत्पादन युनिट, व्यवसायिक उत्पादन, मछली/झींगा के भंडारण एवं परिवहन, मछली बीज/पुरक आहार एवं इन सभी गतिविधियां से जुड़े हुए श्रमिक। दुध एवं दुध उत्पादों के दूध के संग्रहण प्रसंस्करण, पैकेजिंग से लेकर वितरण/बिकी तक सप्लाई चेन, पशु फार्म, कुक्कुट पालन एवं हैचरी तथा पशुपालन गतिविधियां, जानवरों के चारे के निर्माण संबधित यूनिट कच्चे माल की आपूर्ति जैसे – मक्का एव सोया, पशु गृह जैसे – गौशालाओं का संचालन। ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल हेतु बोर खनन/हैंडपंप खनन, सोशल डिस्टेंसिंग तथा चेहरे पर मास्क के अनिवार्य पालन के साथ मनरेगा कार्यों की अनुमति होगी। मनरेगा के अंतर्गत सिंचाई तथा जल संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता दी जायेगी। अन्य केन्द्रीय तथा राज्य क्षेत्र की योजनाओं का क्रियान्वयन जारी रह सकता है तथा मनरेगा के साथ अभिसरण उपर्युक्त रूप से किया जा सकता है। स्वतः कार्य करने वाले व्यक्तियों जैसे कि इलेक्ट्रीशन, मोटर मेकेनिक, आईटी रिपेयर, बढई, ए.सी., कूलर रिपेयर इत्यादि की सेवाये। ईट भट्ठे जो ग्रामीण क्षेत्र में स्थित अर्थात नगरीय निकायों की सीमा के बाहर हो, ग्रामीण क्षेत्र अर्थात नगरीय निकाय सीमा क्षेत्र से बाहर राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित ढाबा खुलेंगे। किन्तु ढाबा संचालक ढाबे में बैठाकर खाना नहीं खिला सकेंगे, केवल पैक्ड फूड ही उपलब्ध करायेंगे। पंचर टायर की दुकान/आप्टीकल्स/सीमेंट, सरिया दुकान/प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, मोटर मैकेनिक, आई.टी. रिपेयर (स्वतः कार्य करने वाले व्यक्ति)/छात्रों के लिए शैक्षणिक किताबों की दुकान/इलेक्ट्रीकल, प्लंम्बिंग की दुकानें, ऑटोमोबाईल टायर व पार्टस की दुकानें/बिजली के पंखे की दुकानें निर्धारित समय अवधि के लिए खुलेगी। उक्त सेवाओं के प्रमुखों की यह जिम्मेदारी होगी कि लॉकडाउन उपायों में सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेसिंग), स्वच्छता एवं इस संबंध में भारत सरकार, राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग तथा समय-समय पर अन्य संस्थानों के द्वारा दिये जा रहे निर्देशों का अनिवार्य रूप से अक्षरशः पालन सुनिश्चित करेंगे।
