channel india
कथित संवाददाता और बेपरवाह की दया से ग्रामीणों की जगह बाहरी व्यक्ति को मिल रहा नियम विरुद्ध रोजगार। लॉक डाउन में भी नही हो रहा नियमो का पालन।


गोरेलाल सोनी की रिपोर्ट –
डौंडी /बालोद (चैनल इंडिया) | बालोद जिला के सबसे चर्चित तांदुला जलाशय मे इनदिनो ग्राम के ग्रामीणों की जगह नियम विरुद्ध बाहरी व्यक्ति को फसल उगाने की परमिशन दे दिए जाने का मामला प्रकाश में आ रहा है।

स्थानीयों का कहना है कि ये एक तथाकथित पत्रकार और संबंधित विभाग के अधिकारी के खास मेहरबानी के चलते ऐसा किया जा रहा हैं |
गौरतलब है कि बालोद जिला के तांदुला जलाशय किनारे डुबान क्षेत्र डौंडी ब्लाक के दानीटोला ग्राम पंचायत अंतर्गत आता है। जहाँ उक्त तांदुला जलाशय के डुबान क्षेत्र में दानीटोला पंचायत के ग्रामीण इस पूर्व में गेंहू व अन्य फसल उगाते आ रहे थे। किंतु इस वर्ष बालोद जिला के सबंधित विभाग के अधिकारी की मेहरबानी ही कहा जाय कि उन्होंने क्षेत्रीय ग्रामीणों के रोजगार की अनदेखी कर बस्तर के बाहरी पखांजुर बंगाली व्यक्ति को परमिशन दे दिया गया। जानकारी के अनुसार बालोद जिला के एक तथाकथित पत्रकार का भी उक्त बंगाली को समर्थन प्राप्त है। जिसके चलते ग्रामीणों अपने ही आपको असहाय महसूस कर रहे है। ध्यान देने वाली सवाल ये है कि बालोद जिला में बाहरी व्यक्तियों की पहचान किया जा रहा है। किन्तु तांदुला जलाशय डुबान में जिस तरह बाहरी व्यक्ति प्रवेश कर कलिंदर फसल नियम विरुद्ध उगाकर ग्रामीणों की रोजगार का निवाला छिन रहे है उससे यही प्रतीत हो रहा कि क्षेत्रीय अधिकारी का उन्हें संरक्षण प्राप्त हो रहा है।
ज्ञात हो कि क्षेत्रीय तांदुला जलाशय में क्षेत्रीय पब्लिक को रोजगार उपलब्ध कराने बालोद जिला भर के शिवसैनिकों ने कई बार अधिकारियों को आवेदन देकर समस्याओं का हल नही होने पर जोरदार तरीके से सड़क लड़ाई आंदोलन किया। अब स्तिथि उलट नजर आ रही है। अभी भी बाहरी व्यकितयों का दबदबा नजर आ रहा है।
सोचनीय तथ्य ये भी है कि ग्राम पंचायत दानीटोला के सचिव द्वारा शोसल डिस्टेंशिंग और बाहरी व्यक्ति को डुबान क्षेत्र में परमिशन दिए जाने की सूचना जनपद पंचायत में देना भी उचित नही समझा। सूत्रों के अनुसार ये पखांजूर से आये करीब 15 लोग सोशल डिस्टेंशिंग का अपालन करते हुए हमेशा अपने गृह क्षेत्र से आना जाना कर रहे है और बिना मास्क व दूरी के भीड़ में तरबूज बेचे जा रहे है । जिसकी सूचना एसडीएम तहसीलदार व उपतहसीदार को दी गई है।
बंगाल से आये व्यक्तियों की सूचना देने बाद भी इन व्यक्तियों को क्वारंटाइन में रखना उचित नही समझा गया है।
