सीआईएसएफ के "श्री अन्न" अभियान की बड़ी सफलता: जवानों के भोजन में 30% से अधिक बढ़ा मिलेट्स का उपयोग

सीआईएसएफ के "श्री अन्न" अभियान की बड़ी सफलता: जवानों के भोजन में 30% से अधिक बढ़ा मिलेट्स का उपयोग

किरंदुल से साहिल गुप्ता की रिपोर्ट 
किरंदुल। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने अपने जवानों के लिए स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किए गए "श्री अन्न" अभियान में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। बल के सभी 434 इकाइयों में जवानों के भोजन में पारंपरिक मिलेट्स (श्री अन्न) की मात्रा में 30% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। यह पहल गृह मंत्रालय के निर्देशन में की गई और इसका उद्देश्य जवानों को पोषणयुक्त, पारंपरिक भारतीय आहार उपलब्ध कराना है।

यह अभियान संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को "अंतर्राष्ट्रीय श्री अन्न वर्ष" घोषित किए जाने के बाद शुरू किया गया था। इसे 4 मई 2023 को औपचारिक रूप से शुरू किया गया और वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी इसे सक्रिय रूप से जारी रखा गया है।

अभियान की प्रमुख पहलें:

1. जागरूकता कार्यक्रम:
सीआईएसएफ इकाइयों में रैलियों, प्रदर्शनियों, सेमिनारों और व्याख्यानों के माध्यम से जवानों और उनके परिवारों को श्री अन्न के पोषण लाभों के बारे में जानकारी दी गई।

2. "श्री अन्न सारथी" पुस्तिका:
यह एक विशेष गाइड है जिसमें भारत के विभिन्न भागों के श्री अन्न व्यंजनों, उनके लाभ और बनाने की विधियाँ शामिल हैं। इसकी डिजिटल प्रति सीआईएसएफ की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

3. प्रशिक्षण और कार्यशालाएं:
सभी इकाइयों को श्री अन्न व्यंजन तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया। 662 प्रशिक्षकों ने 1,110 से अधिक सेमिनार और वेबिनार आयोजित किए।

4. "श्री अन्न मेला":
335 इकाइयों में आयोजित इस मेले में जवानों और उनके परिवारों को श्री अन्न से बने स्वादिष्ट व्यंजन परोसे गए, जिससे इसके उपयोग को प्रोत्साहन मिला।

5. उपलब्धता में वृद्धि:
श्री अन्न उत्पाद अब केंद्रीय पुलिस कैंटीनों में भी उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे जवान आसानी से इन्हें अपना सकें।

श्री अन्न को “भविष्य का फसल” कहा जाता है। यह न केवल पोषण से भरपूर है बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है। कम पानी में उपजने वाले ये अनाज आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से लड़ने में कारगर हैं।

सीआईएसएफ का यह अभियान दिखाता है कि यदि संकल्प और समर्पण के साथ कोई पहल की जाए, तो वह जवानों के स्वास्थ्य और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। यह पहल न केवल बल के भीतर बल्कि देशभर में श्री अन्न के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक अनुकरणीय कदम है।