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रिसर्च में बड़ा खुलासा.. कोरोना वैक्सीन की इम्यूनिटी कब तक रहती है…. पढ़ें पूरी खबर…


भारत में कोरोना वैक्सीन को लेकर हुई रिसर्च में दावा किया गया है कि करीब 30 फीसदी यानी हर 10 में से 3 लोगों में कोरोना वैक्सी न का असर मात्र 6 महीने तक रहता है। इसके बाद, इससे बनी इम्यूानिटी उनमें कमजोर या खत्मन हो जाती है। यह तथ्य भारत में हुई एक रिसर्च से सामने आया है। यह रिसर्च हैदराबाद के AIG अस्पताल और एशियन हेल्थि केयर के साथ मिलकर पूरी की गई है। इसमें करीब 1600 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था। इन सभी लोगों को वैक्सी।न के दोनों डोज लग चुके थे।
बुजुर्गों की तुलना में युवाओं में लंबे समय तक इम्यूसनिटी बनी रहती है। गंभीर रोगों से जूझ रहे 40 साल से अधिक आयु वाले मरीजों में यह एंटीबॉडी 6 महीने में कम हो जाती है।
AIG अस्पसताल के चैयरमैन डॉ नागेश्व र रेड्डी ने बताया कि इस रिसर्च का उद्देश्यर लोगों को वैक्सीगन के बाद मिली इम्यूैनिटी के असर को जानना था। इसके साथ ही यह पता लगाना था कि किस आयुवर्ग में बूस्टिर डोज की ज्या दा जरूरत है। उन्होंाने बताया कि रिसर्च में लोगों की एंटीबॉडी लेवल की जांच की गई। कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी का स्तरर कम से कम 100 एयू प्रति एमएल होना चाहिए। इससे कम होने पर संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होगा।
डॉ नागेश्व र रेड्डी ने बताया कि इम्यूरनिटी का स्तजर कम से कम 100 एयू प्रति एमएल होना चाहिए। लेकिन जिनमें इसका स्तार 15 तक पहुंच गया हो, उसमें मानना होगा कि इम्यूननिटी खत्मए हो गई है। डॉ रेड्डी ने बताया कि ऐसा पाया गया है कि हाइपर टेशन और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 40 साल से ऊपर के लोगों की इम्यूऔनिटी कमजोर हो गई है। करीब 6 प्रतिशत ऐसे भी थे, इनमें इम्यू निटी का स्तूर न्यू नतम स्तनर पर था।
