नहीं रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता नारायण प्रसाद शर्मा

दंतेवाड़ा से राजू शर्मा की रिपोर्ट
दंतेवाड़ा। दक्षिण बस्तर में भाजपा के वरिष्ठ नेता नारायण प्रसाद शर्मा का 11 मई की रात्रि 8:00 बजे दुखद निधन हो गया। वे लंबे समय से सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय रहकर संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती प्रदान करने वाले समर्पित कार्यकर्ताओं में गिने जाते थे। उनके निधन से भाजपा संगठन और क्षेत्रीय राजनीति में गहरा शोक व्याप्त है।
शर्मा भाजपा मंडल गीदम के महामंत्री, मंडल अध्यक्ष, जिला मंत्री, जिला उपाध्यक्ष और ग्राम पंचायत हारम के उपसरपंच जैसे अनेक पदों पर रहते हुए सक्रिय राजनीति में योगदान देते रहे। वे बलिराम कश्यप के सांसद प्रतिनिधि भी रहे और क्षेत्रीय समस्याओं को सीधे शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे। उनका राजनीतिक योगदान केवल पदों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वे आत्मबल, अनुशासन और संगठनात्मक चेतना के प्रतीक के रूप में अनेक कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत बने। वे भाजपा की पिछली और अगली दोनों पीढ़ियों के नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच समान रूप से सम्मानित और लोकप्रिय रहे।
शर्मा उन चुनिंदा पुराने कार्यकर्ताओं में शामिल थे जिन्होंने पार्टी के प्रारंभिक संघर्षों के दौर में संगठन की नींव को सुदृढ़ करने के लिए अथक परिश्रम किया। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा के आधार को मजबूत करने में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने न केवल संगठन का विस्तार किया, बल्कि अनेक युवाओं और नए कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन कर उन्हें राजनीति की मुख्यधारा से जोड़ा। जब प्रशासन ग्रामीण अंचलों में शिविर आयोजित करता था,तब शर्मा अपने सहयोगियों के साथ शिविर स्थलों के समीप टेबल-कुर्सी लगाकर ग्रामीणों को आवेदन प्रक्रिया में सहयोग प्रदान करते। उस समय जब प्रशासनिक प्रक्रियाएं ग्रामीणों के लिए जटिल मानी जाती थीं, तब शर्मा ने जनसमस्याओं को न केवल समझा, बल्कि प्रशासन तक उनकी आवाज बनकर उन्हें समाधान दिलाने में सक्रिय भूमिका निभाई।
भाजपा के शीर्ष नेताओं से उनका गहरा स्नेहपूर्ण संबंध रहा। स्व. बलिराम कश्यप उन्हें आत्मीयता से "नारायण" कहकर बुलाते थे। संगठन विस्तार के लिए जब प्रदेश संगठन महामंत्री रहे विजय शर्मा दंतेवाड़ा प्रवास पर आते, तो उस समय मंडल अध्यक्ष रहे नारायण के साथ बाइक पर गीदम मंडल में सघन प्रवास करते थे, जिससे संगठन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और निष्ठा स्पष्ट झलकती थी।
उनकी सादगी, समर्पण और जनसेवा की भावना उन्हें केवल नेता नहीं, बल्कि जनसेवक बनाती थी। वे समाज और संगठन दोनों के लिए निःस्वार्थ भाव से कार्य करते रहे। आज भी उनसे जुड़े कार्यकर्ता उनके जीवन मूल्यों को अपना आदर्श मानते हैं। नारायण प्रसाद शर्मा का यह योगदान न केवल भाजपा के लिए, बल्कि समूचे क्षेत्र के लिए सदैव स्मरणीय रहेगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।