अब पर्यावरण क्षति से बचाएगी ये गाय, दुनिया के लिए बनेगी वरदान, स्कॉटलैंड के साइंस्टिटों ने किया तैयार
नई दिल्ली। नासा से जुड़े वैज्ञानिक पर्यावरण की क्षति में गायों को भी जिम्मेदार मान रहे हैं। असल में गायों की डकार से जहरीली मीथेन गैस निकल रही है। गायों की डकार से निकलने वाली जहरीली मीथेन गैस ग्रीनहाउस गैस है, यानी वही गैस जिसके कारण धरती लगातार गर्म हो रही है। अब स्कॉटलैंड के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी गाय के बछड़े को विकसित किया है, जो दुनिया को तबाही से बचाने में सक्षम होगा। यह बछड़ा आम गायों से कम गैस छोड़ेगा और कम डकार भी लेगा। वैज्ञानिकों ने गाय के इस बछड़े का नाम हिल्डा (Hilda) रखा है। हिल्डा झुंड की किसी भी अन्य गाय की तरह ही दिखती है, लेकिन उसके जीन को इस तरह से संशोधित किया गया है कि वो डकार लेने से खुद को रोक सके।
हिल्डा का जन्म IVF तकनीक से हुआ था, जिससे अधिक हरित प्रजाति के मवेशी पैदा हुए, जो कम मीथेन उत्सर्जित करते हैं। बता दें कि गायें बहुत अधिक गैस उत्पन्न करती हैं। आईवीएफ के प्रयोग से हिल्डा का जन्म पारंपरिक प्रजनन तकनीकों के प्रयोग की तुलना में आठ महीने पहले हुआ है। हिल्डा डम्फ्रीज स्थित लैंगहिल झुंड का हिस्सा है, जिसका अध्ययन आधी सदी से भी अधिक समय से किया जा रहा है। हिल्डा बछड़े को लैंगहिल हर्ड में विकसित किया गया, जिसकी स्थापना पहली बार 1970 के दशक के प्रारंभ में हुई थी। यह दुनिया की सबसे लंबे समय से चल रही पशुधन आनुवंशिकी परियोजना है।