जिले सहित ग्रामीण क्षेत्रों में विराजे विघ्नहर्ता भगवान गणेश, 11 दिनों तक रहेगा भक्तिमय माहौल
गरियाबंद से विजय साहू की रिपोर्ट
गरियाबंद । जिला सहित ग्रामीण क्षेत्रों में धुमधाम से विराजे विघ्नहर्ता भगवान गणेश अब 11 दिनों तक भक्ति में झूमेगा जिला सहित ग्रामीण क्षेत्र । गणेश चतुर्थी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है जो भाद्रपद शुक्ल - चतुर्थी के दिन से सनातन परंपरा के रूप में जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र में मनाया जाता है । इस वर्ष गणेश चतुर्थी उत्सव 7 सितंबर से आरंभ होकर 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी तक संपन्न होगा। पुराणों के अनुसार इसी चतुर्थी को मध्याह्न काल में गणेश जी का जन्म हुआ था इसलिये मध्याह्न काल में इनकी पूजा का विशेष महत्व माना गया है।
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। बाल गंगाधर तिलक ने दस दिवसीय गणेशोत्सव सार्वजनिक रूप से मनाने की शुरुआत की थी। तब से आज तक प्रमुख जगहों पर भगवान क गणेश की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाती है। वैसे तो लोग बड़ी धूमधाम से इस पर्व को मनाते हैं लेकिन यह पर्व महाराष्ट्र में खास व तौर से मनाया जाता है। इस दिन घर में गाय के गोबर से बनी गणेश जी की प्रतिमा रखना काफी शुभ माना जाता है। इसके अलावा घर में गणेशजी रखने से वास्तु दोष खत्म हो जाता है। हल्दी से बने गणेश जी रखने से भाग्य चमकता है। गणेश जी को सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय माना गया है। धर्म में जब कोई भी शुभ कार्य होता है तो सबसे पहले गणेश जी की पूजा आराधना की जाती है। गणेश चतुर्थी पर लोग गणेश जी को अपने घर लाते हैं, गणेश चतुर्थी के ग्यारहवें दिन अनंतचतुर्दशी को धूमधाम के साथ उन्हें विसर्जित कर दिया जाता है और अगले साल जल्दी आने की प्रार्थना भी की जाती है।
जिला मुख्यालय के आदिवासी कन्या आश्रम गरियाबंद में भी अधीक्षिका श्रीमती रामकुंवर ध्रुव द्वारा आश्रम में भगवान गणेश जी स्थापित किया गया है। आश्रम के बच्चे भगवान गणेश जी का सुंदर आरती कर पुजा अर्चना करते देखा गया। आश्रम में भगवान गणेश जी स्थापित होने से बच्चे काफी खुश नजर आ रहे थे। वहीं नगर के विभिन्न गणेश उत्सव समिति द्वारा भगवान गणेश जी के आकर्षक मुर्तियां स्थापित किया गया है।