2100 तक भयंकर रूप से कम हो जाएगी भारत की आबादी, एलान मस्क ने जताई चिंता, जानिए पूरा मामला
नई दिल्ली। अरबपति एलन मस्क ने 2100 तक भारत और चीन की जनसंख्या में गिरावट के अनुमान पर चिंता जताई है। मस्क के एक्स हैंडल से एक ग्राफ की तस्वीर पोस्ट की गई, जिसमें दुनिया के प्रमुख देशों की जनसंख्या में संभावित परिवर्तन दिखाया गया है। मस्क ने इसे मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है।
अनुमान के मुताबिक, 2100 तक भारत की जनसंख्या घटकर 1.1 बिलियन (110 करोड़) से कुछ कम हो जाएगी। यह लगभग 400 मिलियन (40 करोड़) की कमी को दर्शाता है। वर्तमान में विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद, भारत की जनसंख्या में यह गिरावट चिंताजनक हो सकती है।
चीन की जनसंख्या में गिरावट का अनुमान
चीन की जनसंख्या में भी नाटकीय कमी का अनुमान है। 2100 तक चीन की जनसंख्या 731.9 मिलियन (73.19 करोड़) तक पहुंच सकती है, जो लगभग 731 मिलियन की कमी है। यह जनसंख्या में बड़ी गिरावट के संकेत देता है, जो देश के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को प्रभावित कर सकता है।
सदी के अंत तक, नाइजीरिया की जनसंख्या 790.1 मिलियन होने का अनुमान है, जिससे वह दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। इसके विपरीत, अमेरिका दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश रहेगा, जबकि इंडोनेशिया और पाकिस्तान में जनसंख्या में मामूली कमी होगी।
जनसंख्या में गिरावट के प्रमुख कारक :-
1. प्रजनन दर में कमी - विकसित देशों में प्रजनन दर में कमी देखी जा रही है, जो जनसंख्या में गिरावट का प्रमुख कारण है।
2. प्रवासन - लोग बेहतर अवसरों की तलाश में एक देश से दूसरे देश में प्रवास कर रहे हैं, जिससे जनसंख्या असंतुलन हो रहा है।
3. बढ़ती उम्र की आबादी - कई देशों में युवा आबादी की कमी और बुजुर्गों की बढ़ती संख्या जनसंख्या में गिरावट को तेज कर रही है।
वाशिंगटन विश्वविद्यालय के शिक्षाविदों के 2020 के एक स्टडी के अनुसार, जनसंख्या में कमी विशेष रूप से चीन और भारत में पहले की अपेक्षा तेजी से हो सकती है। यह गिरावट वैश्विक स्तर पर आर्थिक और सामाजिक चुनौतियां ला सकती है।