सदर बाजार जैन मंदिर से एमजी रोड स्थित दादाबाड़ी तक जिन शासन की हुई जय जयकार

सदर बाजार जैन मंदिर से एमजी रोड स्थित दादाबाड़ी तक जिन शासन की हुई जय जयकार

रायपुर श्रीसंघ को प्राप्त हुआ चातुर्मास 2025 का सौभाग्य

रायपुर। सदर बाजार जैन मंदिर से एमजी रोड स्थित दादाबाड़ी तक रविवार को भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में गुरुभक्ति और जिन शासन के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। मार्ग में जगह-जगह समाजजनों ने स्वागत किया। महिलाओं ने सिर पर मंगल कलश धारण कर कलश यात्रा निकाली, जो शोभायात्रा के साथ चल रही थी।

शोभायात्रा दादाबाड़ी पहुंचने पर संतों का मंगल प्रवेश हुआ। इस अवसर पर समाज की महिलाओं ने भक्ति गीतों के माध्यम से संतों का स्वागत किया। श्रीसंघ ने संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया। मंगल प्रवेश उपाध्याय प्रवर परम पूज्य महेंद्र सागर जी और परम पूज्य उपाध्याय मनीष सागर जी के पावन सान्निध्य में संपन्न हुआ।

मनुष्य का जन्म हर क्षण को सार्थक करने के लिए : साध्वी हसंकीर्ति श्रीजी

मंगल प्रवेश पश्चात आयोजित धर्मसभा में साध्वी हसंकीर्ति श्रीजी ने कहा कि "मनुष्य का जन्म जीवन के हर क्षण को सार्थक करने के लिए हुआ है, लेकिन वह ऐसा नहीं करता। यह जन्म बार-बार नहीं मिलता। इसे पाने के लिए आत्मा ने अनगिनत जन्मों तक पुरुषार्थ किया है। इस अमूल्य जन्म के प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करना चाहिए।"

चातुर्मास आत्मोत्थान और साधना का समय : वक्ताओं ने कहा

इस अवसर पर ऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया ने कहा कि रायपुर श्रीसंघ को चातुर्मास का लाभ मिलना बहुत सौभाग्य की बात है। चार महीने साध्वीजी का मार्गदर्शन, तप और आराधना का लाभ समाज को मिलेगा।

श्याम सुंदर बैदमुथा ने कहा कि चातुर्मास का विशेष महत्व है। यह चार महीने का पावन काल संयम, साधना और आत्मचिंतन का प्रतीक है। वर्षा ऋतु में प्रकृति भी शुद्ध अवस्था में होती है और साधु-संत स्थिर होकर धर्म आराधना करते हैं।

प्रकाशचंद मालू ने कहा कि चातुर्मास तप, ध्यान, जप और स्वाध्याय का उत्तम समय है। इस अवधि में व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रख आत्मशुद्धि की ओर अग्रसर होता है।

संतोष बैद ने कहा कि चातुर्मास केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। वर्षा ऋतु में अनगिनत जीव-जंतु भूमि पर जन्म लेते हैं। ऐसे में यात्रा को सीमित कर एक स्थान पर रहना न केवल जीवदया है बल्कि प्रकृति की रक्षा भी है।

कार्यक्रम में अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। श्रीसंघ द्वारा उनका शॉल और श्रीफल से सम्मान किया गया। आत्मोत्थान वर्षावास 2025 के पदाधिकारियों ने रायपुर श्रीसंघ को चातुर्मास की स्वीकृति देने के लिए आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर प्रकाशचंद सुराना, प्रकाशचंद गोलछा, संपत झाबक सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे। सभी ने साध्वीजी के चातुर्मास का लाभ लेकर जीवन को धर्ममय बनाने का संकल्प लिया।