डॉ अलका यादव को प्रकृति के संरक्षण संवर्धन पर मिला गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड

डॉ अलका यादव को प्रकृति के संरक्षण संवर्धन पर मिला गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड

जांजगीर-चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट
जांजगीर-चांपा। विश्वस्तरीय साझा संकलन पुस्तक मध्य भारत का फेफड़ा-हसदेव का भव्य विमोचन व रचनाकार सम्मान समारोह का आयोजन वृंदावन सभागार रायपुर में अति विशिष्ट अतिथि राजेश्री महंत रामसुंदर दास महाराज जी, डॉ. विनय पाठक पूर्व अध्यक्ष राजभाषा आयोग, छत्तीसगढ़, डॉ. स्नेहलता पाठक छग की प्रथम हास्य व्यंग्यकार व रामेश्वर शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार प्रधान संपादक डॉ. आशा आजाद, सम्पादक अजय जैन, संयोजक डॉ. मंगल उरांव, आयोजक राज कुमार छापड़िया मुम्बई की गरिमामयी उपस्थिति में भव्यता के साथ सम्पन्न हुई। इस पुस्तक में जनजाति और छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति के क्षेत्र में ढेरो सम्मान प्राप्त साहित्यकार विष्णु कांति महाविद्यालय ,   छितापार की प्राचार्य डाँ अलका यादव की रचना को भी शामिल किया गया और उन्हे संस्थान द्वारा मेडल, मोमेंटो व प्रशस्ति पत्र देकर अतिथियों के कर कमलो से सम्मानित किया गया। प्राचार्य शिक्षा के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान देने के साथ-साथ  लोक साहित्य जनजाति शोध के क्षेत्र में भी विशेष रूचि  रखती हैं। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में सहभागिता के साथ इन्हें 15 से अधिक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं

प्राचार्य का अब तक 200 से अधिक रचनाएं विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुका है। इस  उपलब्धि पर क्षेत्र के साहित्यकारो ने  सभी इष्ट मित्रों व शुभचिंतकों ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएं एवं बधाई दिए।