तेंदुपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक वितरण पर संग्राहकों को मिलेगा न्याय,चैतराम अटामी ने जताया सरकार का आभार

दंतेवाड़ा से राजू शर्मा की रिपोर्ट
चरणदास महंत के आरोप निराधार,भाजपा कर रही है आदिवासियों के हित में काम : चैतराम अटामी
दंतेवाड़ा। सुकमा जिला में तेन्दुपत्ता संग्राहकों के राशि वितरण में हुए घोटाले और कार्रवाई को लेकर दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी ने साय सरकार का आभार व्यक्त किया है। विधायक अटामी ने बयान देते हुए बताया कि कांग्रेस शासन में किये गए घोटालों पर नकेल कसने कार्रवाई करने का काम साय सरकार में हो रहा है।
उन्होंने बताया कि सुकमा जिला में तेन्दुपत्ता संग्राहकों को दो साल की बोनस राशि में प्रबंधकों ने केवल एक साल का ही भुगतान किया। वो भी आधा-अधूरा। वनमंडल सुकमा के कोंटा, किस्टाराम और गोलापल्ली वन परिक्षेत्र में कई फर्जी संग्राहकों के नाम पर भुगतान दर्शाया गया। भाजपा सरकार द्वारा जांच कराये जाने पर जांच के दौरान मामला उजागर हुआ। कई ऐसे संग्राहकों को भी राशि दी गई है, जिनकी मौत सालों पहले हो चुकी है।
चैतराम अटामी ने बताया सुकमा वनमंडल के तहत तेंदूपत्ता सीजन वर्ष 2021 में 15 समिति और वर्ष 2022 में 10 समितियों में कुल 65471902 रुपए की राशि बोनस के रूप में मिली थी। इसे सुकमा वनमंडल के करीब 66 हजार संग्राहकों को भुगतान किया जाना था। इस राशि को बीते अप्रैल में ही समिति प्रबंधकों ने आहरण कर लिया और 8 महीने तक इसका भुगतान संग्राहकों को नहीं किया। नक्सलवाद और संवेदनशीलता का हवाला देकर अफसरों ने 36278881 की राशि का वितरण नगद करने विशेष अनुमति ली।
*वितरण में गड़बड़ी करने वाले 11 संचालक मंडल भंग किए जाने पर का जताया आभार*
विधायक चैतराम अटामी ने कहा कि आदिवासियों के लिए तेंदुपत्ता हरा सोना है। उनके आर्थिक सुधार का महत्वपूर्ण कड़ी है। मामले को लेकर उन्होंने घोटाले के संबध में जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि जिला यूनियन सुकमा के अंतर्गत कुछ प्राथमिक लघुवनोपज समितियों द्वारा कुछ संग्राहकों को नगद वितरण किया जा चुका है एवं 11 समितियों में कुछ संग्राहकों को वितरण नहीं किया गया है। इसके कारण वनमण्डलाधिकारी को सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया है। प्रकरण में एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा जांच किया जा रहा है,जिसमें वनमंडलाधिकारी सुकमा पर आपराधिक मामले दर्ज करते हुए उनकी गिरफ्तारी की गई ।
सुकमा जिला भाजपा की मांग पर जिन 11 समितियों में नगद प्रोत्साहन पारिश्रमिक का वितरण नहीं किया गया है उन समस्त 11 समितियों के प्रबंधकों को काय से पृथक कर दिया गया है, उन 11 समितियों के संचालक मंडल को भंग कर दिया गया है। समितियों के नोडल अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ की जा चुकी है । इस कार्रवाई के लिये उन्होंने आभार जताया और निवेदन किया है कि 11 समितियों के कितने संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक की राशि प्राप्त नहीं हुई है, उसका छानबीन/परीक्षण किया जाये और स्थिति स्पष्ट होने के उपरांत उचित कार्रवाई करें।