सीएम विष्णुदेव साय ने दिखाई प्रशासनिक दक्षता

रायपुर। विष्णुदेव साय सरकार ने शनिवार को अब तक का सबसे बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया गया। खास बात यह रही कि सरकारी अवकाश के दिन हुए फेरबदल की किसी को कानों कान खबर नहीं हुई। शनिवार शाम अचानक 41 आईएएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी हो गई। सरकार ने वर्तमान के साथ भविष्य का ख्याल रखा है। मुख्य सचिव जून में रिटायर होंगे। उससे पहले सरकार ने सचिव स्तर के अधिकारियों को अप्रभावित रखा है। ढाई माह बाद नए मुख्य सचिव की नियुक्ति होनी है। जो नए मुख्य सचिव आएंगे, वे ही विभागों में सचिवों को प्रशासनिक दक्षता के आधार पर नियुक्त करें। मुख्य सचिव अमिताभ जैन अभी जिन अफसरों के साथ काम कर रहे हैं, वे उनकी दक्षता के आधार पर काम का अंजाम दे रहे हैं। ऐसे में शासन की ओर से इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया। मुख्य सचिव के लिए सरकार ने सम्मान की भावना जताई है। प्रशासनिक फेरबदल में अफसरों को दिए गए अतिरिक्त प्रभार देने में यह देखा गया है कि उन्हें एक ही विभाग के सचिव के अधीन रखा गया है। अफसरों को एक ही उच्च अधिकारी के अधीन काम करने का मौका मिलेगा। विभाग के अंतर्गत आने वाले विभिन्न निगम-मंडल और अभिकरण का काम करते समय उन्हें किसी दूसरे अफसर के पास जाना नहीं पड़ेगा। ऐसे में कार्य की दक्षता और अफसर के काम कराने के ढंग के अनुसार काम करेंगे। फेरबदल से साफ है कि सरकार लंबित राजस्व प्रकरणों को लेकर गंभीर है। राज्य सरकार ने लंबित राजस्व प्रकरणों को ध्यान में रखते हुए राजस्व जिला बिलासपुर में अब स्वतंत्र आयुक्त के पद पर सुनील जैन को जिम्मेदारी सौपी है। बिलासपुर में पिछले एक साल से प्रभारी संभागायुक्त के होने के कारण यहां पर राजस्व प्रकरण बड़ी संख्या में लंबित हो गए हैं। पहले डॉ. संजय अलंग रायपुर के संभागायुक्त रहते बिलासपुर के प्रभार में थे। बाद में महादेव कांवरे रायपुर के संभागयुक्त करते बिलासपुर के प्रभार में रहे हैं। वहीं अपर संभागायुक्त के पद पर आईएएस को प्रभार देते हुए रायपुर और दुर्ग में अपर संभागायुक्त पदस्थ किया गया है। राजस्व मंडल में भी अध्यक्ष की पूर्ण कालिक नियुक्ति की गई है। इससे लंबित प्रकरणों के निराकरण में गति आएगी।