बिलासपुर में मिशनरी कब्जे के अस्पताल पर बुलडोजर चला
बिलासपुर (चैनल इंडिया)। मिशन अस्पताल का लीज 1994 लीज खत्म होने के बाद प्रबंधन ने 30 वर्षों तक लीज का नवीनीकरण नहीं कराया। बगैर नवीनीकरण अस्पताल के नाम पर व्यावसायिक उपयोग करने लगे। प्राइम लोकेशन की सरकारी जमीन को किराए पर चढ़ा दिया। चौपाटी बनाने के साथ ही लाखों रुपये किराया वसूलने लगे। तय नियमों व शर्तों का उल्लंघन करने के चलते जिला प्रशासन ने कब्जे की कार्रवाई प्रारंभ की।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को जिला प्रशासन ने मिशनरी के कब्जे वाले अस्पताल को जमींदोज करने की कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। मिशन अस्पताल कैम्पस के भीतर बने भवनों को जमींदोज करने नगर निगम का अमला सुबह से ही जुटा हुआ है। पुलिस बल की मौजूदगी में कैम्पस के भीतर बने भवनों को ढहाया जा रहा है। मिशन अस्पताल के लीज धारकों की अपील कमिश्नर न्यायालय से निरस्त होने के बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल परिसर के अलावा आसपास के जमीनों पर कब्जा कर लिया था। कैम्पस के मुख्य गेट पर जिला प्रशासन कीओर से नोटिस चस्पा कर दिया गया था।
यह है मामला
मिशन अस्पताल की स्थापना वर्ष 1885 में हुई थी। इसके लिए क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन हॉस्पिटल बिलासपुर ,तहसील व जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ को जमीन आवंटित की थी। यह मोहल्ला चांटापारा शीट नंबर 17, प्लाट नंबर 20/1 एवं रकबा 382711 एवं 40500 वर्गफीट है। 1966 में लीज का नवीनीकरण कर साल 1994 तक लीज बढ़ाई गई थी। पुलिस की अवधि 31 अप्रैल 1994 तक के लिए थी। जिसमें मुख्य रूप से निर्माण में बदलाव एवं व्यवसायिक गतिविधियां बिना कलेक्टर की अनुमति के न किए जाने की शर्त थी। पुलिस की नवीनीकरण उपरांत सीट नंबर 14 प्लाट नंबर 20 रकबा 474790 में से 92069 वर्गफीट अन्य व्यक्ति को रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया था। इसके साथ ही किराए पर अन्य प्रतिष्ठानों को दे इसे कमाई का माध्यम बना लिया गया था। 1994 को लीज खत्म होने के बाद 30 वर्षों तक लीज का नवीनीकरण नहीं कराया गया था।