जैविक दंतेवाड़ा को अग्रिम पंक्ति में लाने की एक ओर सशक्त पहल

जैविक दंतेवाड़ा को अग्रिम पंक्ति में लाने की एक ओर सशक्त पहल

दंतेवाड़ा से राजू शर्मा की रिपोर्ट

उन्नत खेती अभियान के तहत कृषकों को प्रोत्साहित करने की हुई प्रभावशाली शुरुआत

दंतेवाड़ा। जिला प्रशासन दंतेवाड़ा एवं कृषि विभाग के संयुक्त प्रयास, तथा कृषक उत्पादक संगठन भूमगादी के सक्रिय सहयोग से जिले में जैविक खेती को वैज्ञानिक आधार पर प्रोत्साहित करने हेतु एक विशेष मिशन मोड अभियान प्रारंभ किया गया है। इस अभियान का मूल उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को व्यापक रूप से अपनाना है। यह पहली बार है जब जिले में बड़े स्तर पर वैज्ञानिक तरीके से श्री विधि एवं कतार रोपा विधि को अपनाकर धान की खेती को नया आयाम देने का संकल्प लिया गया है। अभियान के अंतर्गत 6000 हेक्टेयर क्षेत्र में उन्नत विधियों से खेती का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में विशेष रूप से श्री विधि को लागू किया जा रहा है।
*श्री विधि वैज्ञानिक नवाचार और परंपरा का संयोजन*
श्री विधि धान उत्पादन की एक आधुनिक, वैज्ञानिक एवं पर्यावरण-संवेदनशील पद्धति है, जिसके माध्यम से कम संसाधनों के उपयोग से अधिक उत्पादकता प्राप्त की जाती है। इस विधि की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है 12 से 15 दिन की आयु के स्वस्थ पौधों का कतार में एकल रोपण, जिससे प्रत्येक पौधे को पर्याप्त स्थान, पोषण और प्रकाश मिल पाता है नियमित निराई-गुड़ाई द्वारा वायु संचार को बढ़ावा, जिससे पौधों की जड़ प्रणाली मजबूत होती है और खरपतवार नियंत्रण होता है। जैविक पोषक तत्वों जैसे जीवामृत, गोमूत्र, वर्मी कम्पोस्ट, हंडी खाद आदि का समुचित उपयोग, जो मिट्टी की उर्वरता एवं पौधों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। संतुलित सिंचाई प्रणाली, जिसमें खेत में स्थायी जल भराव के स्थान पर आवश्यकतानुसार जल प्रदान किया जाता है, जिससे जल संरक्षण संभव हो पाता है।

*सीईओ द्वारा किसानों से किया गया संवाद, कहा श्री विधि और जैविक खेती में ही है समृद्ध कृषि का रास्ता*
आज इस अभियान की प्रायोगिक शुरुआत के तहत  विकासखंड गीदम के ग्राम सियानार के खेतों में जाकर जिला पंचायत सीईओ श्री जयंत नाहटा ने स्वयं, कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ श्री विधि से रोपा लगाया। इस दौरान उपसंचालक कृषि श्री सूरज पंसारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री अशोक नेताम, एसआर नेताम, भूमगादी के सीईओ श्री आकाश बढ़ावे, आरएईओ श्री सुरेश नाग, जैविक क्लस्टर समन्वयक श्री उदय यादव, क्षेत्रीय कृषक मित्र एवं प्रगतिशील किसान मौजूद रहे। श्री विधि लगाने वाले किसान के खेत में रोपा लगाकर सीईओ श्री जयंत नाहटा ने किसानों के साथ संवाद करते हुए उन्हें वैज्ञानिक एवं जैविक विधियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि “जैविक खेती और श्री विधि जैसे नवाचार आज की आवश्यकता हैं, जो न केवल उत्पादन को बढ़ाते हैं, बल्कि हमारे जल, मिट्टी और पर्यावरण की रक्षा भी करते हैं। आज का किसान तभी सशक्त बनेगा जब वह ज्ञान, नवाचार और परंपरा के संतुलन के साथ खेती करेगा। मेरा आह्वान है कि जिले के सभी किसान इस अभियान से जुड़ें और जैविक दंतेवाड़ा को कृषि के क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति में खड़ा करें। 
*अभियान की मुख्य विशेषताएँ*
उल्लेखनीय है कि उन्नत खेती अभियान के अन्तर्गत जिले भर के कृषि अधिकारियों, विकास अधिकारियों व कर्मचारियों को इस मिशन को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।  इसके अलावा ’’भूमगादी’’ के जैविक कार्यकर्ता प्रायोगिक खेतों के माध्यम से किसानों को श्री विधि व कतार रोपा विधि का सजीव प्रदर्शन करने के साथ-साथ किसानों को जैविक इनपुट जैसे जीवामृत, नीम आधारित कीटनाशक, हंडी खाद, वर्मी कम्पोस्ट आदि के उपयोग की तकनीकी जानकारी और लाभ विस्तार से बता रहे है।

*भविष्य की दिशा और दृष्टिकोण*
इस व्यापक अभियान का मूल उद्देश्य जिले में कृषि उत्पादकता में गुणात्मक सुधार जैविक उत्पादों की गुणवत्ता में वृद्धि प्राकृतिक संसाधनों, जल, मिट्टी, पर्यावरण का संरक्षण तथा किसानों की आय में दीर्घकालिक एवं स्थायी वृद्धि सुनिश्चित करना है। यह प्रयास आने वाले समय में दंतेवाड़ा को देश के प्रमुख जैविक कृषि मॉडल जिलों में स्थान दिलाने में सहायक सिद्ध होगा। यहाँ के अनुभव, नवाचार और सफलता की कहानियाँ देश के अन्य भागों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी।