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केरल: विधानसभा के विशेष सत्र में सीएम विजयन ने रखा कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव


केरल विधानसभा के विशेष सत्र में सीएम पिनराई विजयन ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है। इस विशेष सत्र को कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए बुलाया गया है। इस विशेष सत्र को बुलाए जाने के लिए राज्य सरकार ने राज्यपाल से सिफारिश की थी जिसे उन्होंने पहले ठुकरा दिया था हालांकि सोमवार को उन्होंने अनुमति दे दी थी।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने तीन विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों पर चर्चा करने और उनके खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की 31 दिसंबर को मंजूरी दी है। कुछ दिन पहले सीपीआई-एम नीत वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार ने विधानसभा सत्र बुलाने का एक नया प्रस्ताव भेजा था क्योंकि उससे पहले राज्यपाल ने ऐसी ही सिफारिश खारिज कर दी थी।
23 दिसंबर को सत्र की मंजूरी से किया था इनकारइस एक दिवसीय सत्र के लिए सरकार ने राज्यपाल को कुछ स्पष्टीकरण दिए थे। एक अप्रत्याशित कदम के तहत राज्यपाल ने 23 दिसंबर को विवादास्पद कानूनों पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने इतना संक्षिप्त सत्र बुलाने की आपात स्थिति संबंधी उनके सवाल का जवाब नहीं दिया।
राज्यपाल ने कहा था- राज्य के अधिकार से बाहर की बातविजयन को भेजे पत्र में राज्यपाल ने यह भी कहा कि सरकार ‘एक ऐसी समस्या पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने चाहती है जिसपर आपको समाधान करने का क्षेत्राधिकार नहीं है।’ विजयन ने मंगलवार को खान को जवाबी पत्र लिखा और यह कहते हुए उनके निर्णय को खेदजनक बताया कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह से बंधे हैं तथा विधानसभा में प्रस्ताव लाने और चर्चा राज्यपाल की शक्तियों द्वारा संचालित नहीं हो सकती। उसके बाद 24 दिसंबर को मंत्रिमंडल ने बैठक करके फिर सत्र बुलाने की सिफारिश की तथा कानून मंत्री ए के बालान एवं कृषि मंत्री वी एस सुनील कुमार शुक्रवार को राज्यपाल उनसे मिले।
